छः साल तक नहीं मिला था कोई काम, पत्नी चलाती थी घर का खर्चा, जानिए पंकज त्रिपाठी के संघर्ष की कहानी

किसी भी इंसान के लिए सफलता उसके संघर्षों की कहानी होती है. कोई भी इंसान बिना संघर्ष के सफल नहीं हो सकता. इसके बेहतरीन उदाहरण बॉलीवुड में देखने को मिलते हैं. भारतीय सिनेमा जगत में आज पंकज त्रिपाठी का नाम कौन नहीं जानता. लेकिन उसके पीछे के संघर्ष की कहानी शायद ही किसी को पता होगी. आज आपको बताते हैं कि क्या है पंकज त्रिपाठी के संघर्ष की कहानी, जिस पर भी चर्चा करते हुए पंकज की आंखें नम हो जाती हैं.



पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड जगत की जानी पहचानी हस्तियों में गिने जाते हैं. अपने अदाकारी के दम पर पंकज ने कई एक से एक बेहतरीन फिल्में दी है, जिसमें मसान, बरेली की बर्फी, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी शानदार फिल्में शामिल है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में पंकज त्रिपाठी की मिर्जापुर को आज किसी भी वेब सीरीज से ऊपर देखा जाता है. अपने अदाकारी के दम पर अच्छे अच्छों के पसीने छुड़ाने वाले पंकज त्रिपाठी किसी जमाने में पाई-पाई को मोहताज हुआ करते थे.





5 सितंबर 1976 को बिहार के बेलसंद में जन्मे पंकज त्रिपाठी की उम्र अभी 44 वर्ष की है. छोटे से गांव से निकलकर बड़े शहर में एक बड़ा सा सपना लिए किसी व्यक्ति का जीवन किन मुश्किलों से गुजरता है, यह पंकज त्रिपाठी से बेहतर कोई नहीं बता सकता. एक वक्त था जब पंकज के पास कोई काम नहीं था लेकिन परिस्थितियों के आगे हार ना मानने वाले पंकज ने अपनी मेहनत और अपनी और अपनी अदाकारी से वो सब पाया, जिसकी एक सफल अभिनेता को तलाश होती है.





एक वक्त था जब पंकज त्रिपाठी घूम घूम कर लोगों से काम माँगा करते थे. निर्देशकों के कार्यालय पर, उनके दफ्तरों में, फिल्मों के बैनर के नीचे पहुंचकर लोगों से काम मांगते थे और सीधे-सीधे कहा करते थे कि “कोई भी एक्टिंग करवा लो, कोई भी एक्टिंग कर दूंगा.बस पैसे की जरूरत है.” आज आलम यह है कि पंकज त्रिपाठी से फिल्में करवाने के लिए लोगों की लाइनें लगी रहती है.





जब पंकज के पास कोई काम नहीं था तब उनके घर का खर्च उनकी पत्नी चलाया करती थी. पंकज खुद इस बात को बड़े ही गर्व के साथ कहा करते हैं. अपनी पत्नी के मेहनत और संयम को ही वह अपनी सफलता का राज मानते हैं. पंकज इंटरव्यू में यह बता चुके हैं कि उन्होंने 6 साल यानी साल 2004 से लेकर 2010 के बीच तक कुछ नहीं कमाया. उनके घर का सारा खर्चा उनकी पत्नी ही उठाती थी. वह बस अंधेरी और मुंबई में घूम घूम कर लोगों से काम मांगते थे.



अभी हाल में पंकज त्रिपाठी के फिल्मी “मिमी” रिलीज हुई है. इसमें उनके साथ कृति सेनन भी हैं. इस फिल्म में भी उनके काम को काफी सराहा जा रहा है. इसी साल पंकज को बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया है. पंकज त्रिपाठी आए दिन अदाकारी के नए मुकाम को छू रहे हैं. ऐसे में उनके प्रशंसक उनके लिए और भी दुआएं मांगते हैं कि पंकज जैसा सीधा सरल और शानदार व्यक्तित्व का आदमी हमेशा इस बॉलीवुड में होना चाहिए.