राजस्थान में 10वीं पास इस युवक ने मुंबई में कपड़े का काम छोड़ा, अब खीरे की खेती कमा रहे है 20 लाख

सपनो के शहर मुंबई में कपड़ो का बिज़नेस, हर वर्ष लाखो का टर्न ओवर, एक आरामदायक जिंदगी ये सब छोड़कर 10वीं पास युवक ने आज से 9 साल पहले अपने गांव में खेती शुरू की। खेती में कई नए-नए एक्सपेरिमेंट किए लेकिन कई बार सफल नहीं हो पाए। फिर उन्हें फल, सब्जी के बगीचों का आइडिया आया और इसी आईडिया ने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी।

खीरे की खेती: किसान इस सीजन करें इन 7 उन्नत किस्मों की बुवाई, 50 दिन में फसल तैयार होकर देगी इतने क्विंटल पैदावार जी हाँ, ये कहानी है राजस्थान जालोर के तड़वा निवासी मदन सिंह सोलंकी की। जिन्होंने 2014 में मुंबई में अपना कपड़ो का बिज़नेस छोड़कर खेती शुरू की।

खीरे की खेतीमें है प्रति एकड़ 50 हज़ार रुपये का मुनाफ़ा, जानिए कैसे करें?

शुरुआत के 05 सालो में उन्हों कोई सफलता नहीं मिली लेकिन इससे सोलंकी निराश नहीं हुए बल्कि असफलता से सीखकर दोगुना जोश के साथ नया करने में जुट गए। बारिश के मौसम में कैसे करें खीरे की उन्नत खेती सोलंकी ने वर्ष 2019 में अपने खेत में 02 पाली हाउस लगाकर सब्जियों की खेती शुरू की। आज मदन सिंह सिर्फ खीरे से खेती से सालाना 20 लाख तक कमा रहे है।



इसके अलावा उनके फार्म हाउस में कांकरेज और गिर गाय है और इनका घी गुजरात तक सप्लाई होता है। हाल ही में उन्होंने अनार और पपीते के बगीचे तैयार किए हैं और अगले सीजन तक वे इसकी फसल भी सकेंगे

सोलंकी ने बताया कि उन्होंने तुर्की सीड्स खीरे की खेती शुरू की थी। जो अब जालोर मंडी के एक ब्रांड बन गया है।

खीरे की खेती में 1 लाख लगाकर कमाए 8 लाख

आने वाले कुछ महीनो में पपीते और अनार की पहली फसल लेकर 16 लाख कमाने का टारगेट रखा है और अनार को बांग्लादेश तक एक्सपोर्ट करने का प्लान है। वर्तमान में मदन सिंह सोलंकी के खेत पर 2-2 हजार वर्ग मीटर के 02 पॉली हाउस है। जिसमे खीरा और ककड़ी की अच्छी पैदावार होती है। एक पॉली हाउस में 4000 खीरो के पौधे लगे है और वर्ष में 02 बार इनकी पैदावार होती है।


बारिश के मौसम में कैसे करें खीरे की उन्नत खेती

मदन सिंह सोलंकी के खेत में ट्यूबवैल है। पॉली हाउस में सिचांई के लिए ड्रिप सिस्टम लगा हुआ है। जिससे कम से कम पानी में अधिक सिंचाई हो जाती है। वही अन्य फसलों में भी पानी की बचत का ध्यान रखते हुए फव्वारा टेक्निक यूज में लेते हैं।