मिटटी के बर्तन में खाने के फायदे जान कर हैरान रहे जायेंगे आप, खाने में मिलते हैं ये पोषकतत्व

क्या आपने पुराने जमाने के मिट्टी के चूल्हे कर देखे हैं, तो आपने मिट्टी के बर्तन भी जरूर देखे होंगे. आज भी हांडी चिकन के नाम तो आपने जरूर सुना होगा. कुछ गाँव में आज भी खाना मिट्टी के बर्तनों में बनता है. जो कहीं ना कहीं आपको हैरान कर देगा. हालांकि मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की परंपरा समाप्त सी हो गई है. अब तो मिट्टी के चूल्हे भी खत्म हो गए है और उसकी जगह एलपीजी गैस सिलेंडर ने ले लिया है.



मिट्टी के बर्तनों की जगह स्टील, लोहे और एल्म्युनियम के बर्तन आ गए हैं. खाने के टेस्ट और पौष्टिक गुणों में भी उसी के अनुरूप परिवर्तन हुआ है. आज हम आपको मिट्टी के बर्तन में खाने के कुछ फायदे बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे और हो सकता है कि कल को मिट्टी के बर्तन ढूंढने निकल पड़े.

मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से इसमें आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा बरकरार रहती है. यह सभी पोषक तत्व शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इतना ही नहीं भोजन पकाने के दौरान इस मिट्टी के बर्तन के छोटे-छोटे चित्र आग और पानी की नमी को बराबर वितरित करते हैं. जिसकी वजह से खाना स्वादिष्ट और लजीज बनता है.



मिट्टी के बर्तन तेल को भी सोख लेते हैं, जिससे तो खाने में मौजूद एक्स्ट्रा तेल सोख लिया जाता है और खाना और स्वादिष्ट बनता है. तेल कम होने से शरीर में फैट यानी वसा की मात्रा बराबर मेंटेन रहती है और यह और भी ज्यादा स्वास्थ्यकारी हो जाता है. आज के जमाने में भले ही तेज आंच पर एलुमिनियम के बर्तन में खाना जल जाए, और फिर स्वाद बेस्वाद हो जाए ,लेकिन मिट्टी के बर्तन में ऐसा कभी नहीं होता. मिट्टी के बर्तन में खाना धीमी आंच पर पकते ही रहता है.



मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से उस भोजन का न्यूट्रीशियन लगातार बना रहता है. अपने भोजन में ज्यादा तेल मसाले के इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी मिट्टी का बर्तन इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि वह अतिरिक्त मसालों को और तेल को अपने में सोख लेता है. वैसे एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि खाना को बार-बार गर्म करके नहीं खाना चाहिए. लेकिन अगर हम मिट्टी के बर्तन में खाना रखते हैं, तो इसे ठंडा होने में समय लगता है. यह इतना समय लेता है कि आप आसानी से दो बार खा सकते हैं.



मिटटी के बर्तन का सबसे ताजा उदाहरण है कुल्हड़ की चाय यह आपको हर चौक चौराहे पर देखने को मिल जाएगी. गांव में आज ही मिट्टी के प्यालों में आइसक्रीम, चाट और समोसे खाने को मिल जाते हैं. विज्ञान की दृष्टि से भी मिट्टी का बर्तन खाना बनाने और खाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता हैं.