25 साल पहले लिए थे 12 लाख उधार, चुकाने आंध्रप्रदेश से सूरत पहुंच गए बाप-बेटे, देखें फिर क्या हुआ

उधारी ऐसी चीज होती है जिससे लोग अक्सर दूर भागते हैं। जब किसी को पैसा उधार देते हैं तो हमे उसे वापस लेने के लिए शख्स के बार बार चक्कर लगाने लड़ते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बाप बेटे की जोड़ी से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने सालों पुराना अपना उधार लोगों के घर-घर जाकर चुकाया और ईमानदारी की नई मिसाल पेश की।



दरअसल आंध्र प्रदेश स्थित विजयवाड़ा कपड़ा मंडी के 75 वर्षीय चंद्रशेखर राव और उनके 25 वर्षीय बेटे हाल ही में अपनी सालों पुरानी उधारी देने सूरत पहुंचे। दिलचस्प बात ये थी की उन्होंने जिन व्यापारियों से उधार लिया था वे तो इस उधारी और उधार की रकम के बारे में भूल भी गए थे। ऐसे में जब चंद्रशेखर राव ने उन्हें जाकर उधारी याद दिलाई और पैसे दिए तो वे हैरान रह गए।



चंद्रशेखर राव ने सूरत पहुँचकर कपड़ा व्यापारियों की लगभग 12 लाख रुपए की उधारी चुकाई। दरअसल उन्होंने 1997 में सूरत के कुछ व्यापारियों से उधार कपड़े लिए थे। हालांकि 1998 में घाटा होने के चलते वे दुकान बंद कर चले गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से बेंगलुरु, बनारस कपड़ा मंडी की प्योर सिल्क का कारोबार किया। इसमें वे सफल हुए। ऐसे में पर्याप्त पैसा आने पर उन्होंने अपनी पुरानी उधारी चुका दी।