बॉलीवुड में फिरोज खान अपने ज़माने के उन अभिनेताओं में से थे, जिनकी तस्वीरें लड़कियां अपने कमरों में सजाती थी. एक से बढ़कर एक जबरदस्त सुपरहिट फ़िल्में देने वाले फिरोज खान की फिल्मों और उनकी अदाकारी को तो सभी जानते हैं, लेकिन उनके जिन्दगी में भी कई ऐसे पहलू हैं, जो आज तक शायद आपको मालूम भी नहीं होगा.
हालांकि सिनेमा जगत के रुपहले परदे पर अपनी माशूका के साथ प्यार के किस्से तो तमाम अभिनेताओं के सुनने को मिलते हैं. उनकी मिठास भी सुनने को मिलती है, तो उनकी खटास की खबरे भी अखबारों की सुर्खियाँ बन जाती है, लेकिन कई ऐसे अदाकार है, जो अपने अपने व्यक्तिगत जीवन पर ज्यादा बात नहीं करते. उन्ही में से एक थे- मशहूर अभिनेता फिरोज खान.

फिरोज खान का फ़िल्मी करियर जितना सफल रहा, उतना ही असफल रहा उनका प्रेम प्रसंग. इसके पीछे कई लोग कई तरह की बातें करते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि फिरोज का मन बहुत अशांत था और एक जगह ज्यादा देर नही टिकता था. तो कुछ लोग उनकी लोकप्रियता को भी उनके असफल प्यार की वजह मानते है.

1960 के दशक में “दीदी” फिल्म से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने के बाद फिरोज खान एक पार्टी में एक हसीना से मिले थे. उनका नाम था सुंदरी. सुंदरी से मिलने के बाद पहले मुलाकात में ही फिरोज ने उन्हें अपना दिल दे दिया. बात डेट पर गयी, प्यार परवान चढ़ा और फिर दोनों वैवाहिक बंधन में बंध गए. फिरोज ने सुंदरी से निकाह कर लिया. इसके बाद उनकी दो संताने हुई, एक बेटी लैला खान और एक बेटा फरदीन खान.

कहा जाता है कि फिरोज खान आशिकमिजाज किस्म की हस्ती थे. शायद यही वजह थी कि शादी के बाद भी उनका आशिकाना मिजाज कई समस्याओं की जड़ बनता रहा. एक बीवी और दो बच्चे होने के बावजूद फिरोज का दिल एक एयर होस्टेस पर आ गया. एयर होस्टस का नाम था – ज्योतिका धनराजगिर. उनके करीबी बताते हैं कि ज्योतिका बेहद खुबसूरत और काफी स्मार्ट लड़की थी. उसकी अदाओं पर फिरोज लट्टू थें.
बकाबू दिल को फिरोज रोक न सके और ज्योतिका के साथ रिलेशन में आ गए. यह बात जब उनकी पत्नी सुंदरी को पता चली तो घर में काफी झगड़ा हुआ. लेकिन प्यार के नशे में धुत्त फिरोज खान को ज्योतिका के आगे कुछ न दिखाई दे रहा था. फिरोज घर, बीवी और बच्चों को छोड़ कर ज्योतिका के पास आ गए और लिव-इन में रहने लगें.

फिरोज खान का रिश्ता ज्योतिका के साथ भी ज्यादा लंबा न चल सका. आकर्षण की बुनियाद पर बने रिश्ते में कुछ समय बाद ही खटास आ गयी और झगड़े होने लगे. ढेरों सवाल कि वजह से फिरोज से ज्योतिका के नाम को जमाने से छुपाना शुरू कर दिया. कहा जाता है कि एक इंटरव्यू के दौरान फिरोज ने ज्योतिका को पहचानने से भी इनकार कर दिया था. इस रूखे बर्ताव की वजह से ज्योतिका टूट गयी और फिरोज को छोड़ कर लन्दन चली गयी.

प्यार के नशे में ठोकरें खाते फिरोज खान फिर वापस अपने परिवार अपनी पत्नी की तरफ लौटें. परिवार ने अपना तो लिया, लेकिन वो भरोसा न बरकरार रह सका जो पहले कभी हुआ करता था.
उम्र के आखिरी पड़ाव पर उन्होंने “वेलकम” जैसी हिट फिल्मों में अभिनय किया. 27 अप्रैल 2009 को फिरोज खान दुनिया को छोड़ कर चले गए. वेलकम फिल्म का ये डायलॉग – “अभी हम ज़िंदा है” आज भी लोग उन्ही के अंदाज में बोलने की कोशिश करते है और उन्हें याद करते हैं.