मारुति 800 मध्यम वर्ग के बजट की पहली गाड़ी मानी जाती है. मारुति 800 ने हर उस आदमी का सपना पूरा किया, जो खुद पर्सनल गाड़ी रखना चाहता था. जब भी हम मारुति 800 की बात करते हैं तो हरपाल सिंह का जिक्र भी जरूर होता है. हरपाल सिंह यह वही व्यक्ति है जिसने मारुति 800 कार खरीदी थी।
मारुति 800 बाजार में आने के बाद इसकी बुकिंग शुरू होने के बाद काफी कम समय में इसने रफ़्तार पकड़ ली. सिर्फ 2 महीनों में ही 1.35 लाख कारे बुक की गई थी. इसी वजह से कार प्रेमियों को कार पाने के लिए काफी लंबी वेटिंग लिस्ट में रहना पड़ा था. इन सबके बीच हरपाल सिंह वही लकी व्यक्ति थे, जिन्हें मारुति 800 की पहली कार की चाबी प्राप्त हुई थी।
दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह जिनका जन्म 14 दिसंबर 1983 में हुआ था. उन्हें पहले सिर्फ आसपास के कुछ ही लोग जानते थे. लेकिन इस दिन मारुति 800 की लांचिंग के साथ-साथ हरपाल सिंह भी मारुति 800 की तरह काफी मशहूर हो गए थे।

आपको बताते चलें की मारुति की पहली मारुति 800 कार इंडियन एयरलाइंस में काम करने वाले हरपाल सिंह को ही दी गई थी. उस समय मारुति 800 की चाबी उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा सौंपी गई थी। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कार की चाबी लेते हुए उनकी तस्वीरें भारतीय ऑटोमोबाइल
इंडस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा बन गई।

मारुति 800 जिसे हरपाल सिंह ने पहली बार ली थी उनकी नंबर प्लेट काफी चर्चा का विषय बनी हुई थी। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर DIA 6479 है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि हरपाल सिंह ने मारुति 800 कार को खरीदने के लिए अपनी फिएट कार को भी बेच दिया था। 1983 में पहली मारुति 800 कार खरीदने के बाद यह अपनी पूरी जिंदगी उसी कार से चलते रहे।

उनकी 2010 में मौत हुई थी उनका ऐसा मानना था कि यह कार उन्हें भगवान की कृपा से मिली है इसी वजह से हरपाल सिंह ने अपनी कार को कभी बेचा नहीं उनके जाने के बाद वह कार कभी सड़क पर नहीं आई किंतु उनके घर के पास खड़ी खड़ी जंग खा रही थी।
कार को खरीदने की डिमांड बढ़ी
हरपाल सिंह के मौत के पश्चात उनकी कार खड़े-खड़े जंग खा रही थी सड़क किनारे खड़ी कार की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने लगी बाद में इस कार को सर्विस सेंटर लाया गया और रिस्टोर किया गया कार को सिर्फ बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी रिपेयर किया गया कार के रिपेयर होने के बाद बहुत लोगों ने इस कार को खरीदना चाहा लेकिन हरपाल सिंह के परिवार ने कार को अपने पास रखा।
मारुति का सफर चार दशक पहले 1980 से शुरू हुआ था संजय गांधी ने एक महत्वाकांक्षी सपना देखा था तब मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से शुरू हुई कंपनी ने सबसे सस्ती कार लांच की यह कंपनी भारत सरकार और जापान की सुजुकी मोटर कंपनी के बीच एक ज्वाइंट वेंचर के तहत शुरू की गई थी। 1983 में जब मारुति 800 आई थी तब इसकी कीमत सिर्फ ₹52500 थी जिसमें आज एक बाइक भी नहीं आती।