सोना उगलती है भारत की ये नदी, लोग दिन-रात बीनकर कमाते हैं पैसे

झारखंड की स्वर्णरेखा नदी (Swarna Rekha River in jharkhand) को भारत की सोने की नदी (Gold river of india) भी कहा जाता है। इस नदी के पानी में सोना बहता है। यहाँ रहने वाले स्थानीय लोग (तमाड़ और सारंडा इलाके के निवासी) रोज सुबह से शाम तक नदी में सोने के कण बीनने का काम करते हैं। हालांकि ये इतना आसान भी नहीं होता है। उन्हें रेत के ढेर में एक-एक सोने के कणों को बीनना होता है।



इस काम में बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब लगे रहते हैं। हालांकि इससे उनकी इतनी खास कमाई भी नहीं होती है। वह एक सोने का कण बेच 80 से 100 रुपए कमाते हैं। महीने में वे लगभग 5 से 8 हजार रुपए ही कमाते हैं।



सोना उगलने वाली यह नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में बहती है। झारखंड के रांची शहर से लगभग 16 किमी दूर इसका उद्गम है। यह नदी सीधा बंगाल की खाड़ी में गिरती है। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक नदी चट्टानों से होकर आगे बढ़ती है जिसके चलते इसमें सोने के कण आ जाते हैं।



कुछ ये भी कहते हैं कि स्वर्ण रेखा की एक सहायक नदी ‘करकरी’ में भी सोने के कण मिलते हैं। वहीं कुछ का कहना है कि स्वर्ण रेखा नदी में जो सोने के कण मिलते हैं वह करकरी नदी से बहकर ही आते हैं।