आधुनिक समाज में लड़कों और लड़कियों में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है. जो काम पहले सिर्फ लड़कों के जिम्मे माना जाता था, अब लड़कियां भी उसे बेहतरीन तरीके से निभा रही हैं और ऊंचा मुकाम हासिल कर रहे हैं. पहले के जमाने में लड़कियों का स्कूल जाना, पढ़ना-लिखना महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था. सामाजिक तौर तरीकों की माने तो लड़कियों का काम घर चलाना, खाना बनाना इत्यादि ही हुआ करता था, लेकिन अब जमाना बदल गया है. लड़कियां घर नहीं बल्कि पूरा देश चला रही हैं. बिहार के भागलपुर से एक ऐसी ही पहचान सामने आई है जिसपर बिहार की हर बेटी गर्व महसूस कर रही है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज की शालिनी झा की, जिन्होंने 21 वर्ष की आयु में देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है. आपको बता दें कि शालिनी विश्व की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर चयनित हुई है. भागलपुर जिले की यह पहली लड़की है जो इतनी बड़ी कंपनी में एक बेहतरीन मुकाम पर पहुंची है. गूगल ने शालिनी को 60 लाख का वार्षिक पैकेज दिया है. उस हिसाब से उनका पांच लाख का महीना बनता है.

छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि की हर कोई तारीफ कर रहा हैं और अपनी बेटियो को प्रेरणा लेने के लिए कह रहे हैं. शालिनी के पिता कामेश्वर झा और माता दिव्या झा इस उपलब्धि से बहुत खुश है. शालिनी के पिता एक बड़ी कंपनी में मैनेजर है. वह भागलपुर के सुल्तानगंज में रहते हैं. शालिनी के दादा नाथेश्वर जा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्होंने कृष्णनंदन हाई स्कूल में हेड मास्टर के पद पर काम किया है. शालिनी के नाना स्वर्गीय अमरनाथ झा यानी पन्ना बाबू झारखंड के बिजली विभाग के जीएम थे. तो देखा जाए तो शालिनी का परिवार अधिकारी और अफसरों से भरा हुआ है.

लेकिन अब बेटी ने जो छलांग लगाई है वह सबको हैरान और खुश करने वाला है. शालिनी इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर विमेन, कश्मीरी गेट, दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है. अभी उनके इंजीनियरिंग का आखिरी साल चल रहा है. प्लेसमेंट हो गया है. बिहार में जन्मी शालिनी का पालन पोषण दिल्ली में ही हुआ है. शालिनी ने बताया कि उनकी मां की दिव्या झा, बहन आकांक्षा झा और भाई देवेश्वर झा ने हर कदम पर उनका भरोसा बनाये रखा है. उनका हौसला बढ़ाया है.

शालिनी अपनी सफलता में अपने अध्यापकों का भी पूरा सहयोग मानती है. शालिनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी दादी को भी दिया है. उन्होंने कहा कि दादी हमेशा उनका हौसला बढ़ाती रहती थी कि बेटा कुछ करके दिखाना है. अपने परिवार के प्यार और स्नेह की बदौलत शालिनी आज इस मुकाम पर पहुंची है कि दुनिया उन्हें सलाम कर रही है.

आपको बता दें कि इसके पहले भी ऑस्ट्रेलिया की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में शालिनी का प्लेसमेंट हो गया था. लेकिन शालिनी इससे बेहतर संभावनाओं को तलाश रही थी और गूगल में कैरियर पोर्टल के द्वारा उन्होंने अप्लाई किया था. 7 राउंड इंटरव्यू देने के बाद शालिनी का चयन गूगल इंडिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर हुआ. जिसमें उन्हें 60 लाख का वार्षिक पैकेज ऑफर किया गया. शालिनी का कहना है कि उन्होंने अभी इसे ज्वाइन नहीं किया है. बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्काल उसे ज्वाइन कर लेंगी.