हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र ग्रुप कप्तान वरुण सिंह की भी मृत्यु हो गई

तमिलनाडु के कुन्नूर के जंगल में बुधवार, 8 दिसंबर को दोपहर 12:15 बजे सेना का एक MI-17V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सुबह 14 लोगों में से एकमात्र जीवित समूह कैप्टन वरुण सिंह की मौत हो गई। यह जानकारी भारतीय वायुसेना ने दी है।

हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे। इस दुर्घटना में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्हें पहले सेना के अस्पताल और बाद में आगे के इलाज के लिए बैंगलोर ले जाया गया। उनका पिछले 7 दिनों से इलाज चल रहा है। उन्होंने भी आज इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी 14 लोगों की मौत हो गई।

हेलीकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। हेलीकॉप्टर ने 8 दिसंबर को सुबह 11.48 बजे उड़ान भरी थी। दोपहर 12.08 बजे नीलगिरी पर हेलीकॉप्टर का वायु सेना से संपर्क टूट गया। इसके बाद यह कुन्नूर के जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।



देवरिया, उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। उनका परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा हुआ है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भारतीय वायुसेना में थे। उनके पिता, सेवानिवृत्त कर्नल केपी सिंह, आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह भारतीय नौसेना में हैं।

वरुण सिंह का परिवार फिलहाल भोपाल में रहता है। वरुण सिंह को इस साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा वीरता चक्र से सम्मानित किया गया था। बिगड़ती उड़ान नियंत्रण प्रणाली के बावजूद 10,000 की ऊंचाई पर एक तेजस विमान की सफल लैंडिंग के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया।