बॉलीवुड और हॉलिवुड दोनों जगह अपने म्यूजिक का परचम लहराने वाले संगीतकार ए आर रहमान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। ए आर रहमान का असली नाम दिलीप कुमार है लेकिन वे मुस्लिम धर्म अपनाकर अल्लाह रक्खा रहमान बन गए। तो आखिर उन्होंने अपना धर्म क्यों बदला? इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
संघर्षों से भरा रहा रहमान का जीवन
ए आर रहमान जब 4 साल के थे तभी उन्होंने अपने पिता आर के शेखर से कीबोर्ड प्ले करना सीख लिया था। उनके पिता फिल्म स्कोर कंपोजर थे। रहमान जब 9 के हुए तो पिता की मौत हो गई। परिवार को उनके म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट किराए पर देकर गुजरा करना पड़ा। वे इतने गरीब हो गए कि फीस न भरने की वजह से स्कूल ने उन्हें निकाल दिया। एक अन्य स्कूल में रहमान ने दोस्तों के साथ मिलकर एक बैंड बनाया। फिर वह पढ़ाई छोड़ फुल टाइम म्यूजिशियन बन गए।
इसलिए हिंदू से बने मुस्लिम
रहमान हिंदू परिवार में पैदा हुए थे। घरवालों ने उनका नाम दिलीप कुमार रखा था। लेकन रहमान को ये नाम पसंद नहीं था। उनके हिसाब से ये नाम उनकी इमेज से मेल नहीं खाता था। एक बार रहमान की मां बेटी की कुंडली लेकर ज्योतिषी के पास गई। यहां ज्योतिषी रहमान की बहन की बजाय उनके बारे में बात करने लगे। उन्होंने सलाह दी कि इसका नाम दिलीप कुमार से बदलकर ‘अब्दुल रहमान’ या ‘अब्दुल रहीम’ रख दो।

इस घटना के बाद 1984 में ए आर रहमान बहन की तबीयत बहुत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। बहन की सलामती के लिए उन्होंने कई मस्जिद और दरगाह में दुआएं मांगी। उनकी दुआ रंग लाई और बहन ठीक हो गई। इस बात से खुश होकर कादरी साहब की छत्रछाया में उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में इस्लाम अपना लिया। और इस तरह दिलीप कुमार अल्लाह रक्खा रहमान बन गया।
