कहते हैं शादी के बाद ससुराल ही बेटी का घर होता है। अक्सर हमे सास द्वारा बहू को परेशान करने की खबरे सुनने को मिलती है। यदि बेटे की मौत हो जाए तो उसका सारा इल्जाम बहू के दुर्भाग्य पर मड़ा जाता है। लेकिन राजस्थान के सीकर जिले में एक सरकारी शिक्षिका ने बेटे की मौत के बाद बहू की दूसरी शादी कर मिसाल पेश की है।
सरकारी अध्यापिका कमला देवी रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव में रहती हैं। उनके बेटे शुभम ने सुनीता से 25 मई 2016 को लव मैरिज की थी। सुनीता गरीब परिवार से थी इसलिए कमल देवी बिना दहेज के बेटे की शादी को राजी हो गई थी। हालांकि शादी के 6 महीने बाद उसकी ब्रेन स्ट्रोक से मृत्यु हो गई थी।
बेटे की मौत के बाद कमला देवी ने बहू सुनीता को बेटे की तरह पाला। उन्होंने बहू को 5 साल तक पढ़ाया और ग्रेड फर्स्ट की लेक्चरर बनाकर अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। शुभम के बड़े भाई रजत बताते हैं कि मां सुनीता को मुझ से भी अधिक प्यार करती है।

सुनीता के भविष्य को देखते हुए सास कमला देवी ने बीते शनिवार बहू की शादी भोपाल के रहने वाले मुकश से धूमधाम से करवा दी। मुकेश की भी ये दूसरी शादी है। उनकी पहली पत्नी सुमन का एक सड़क हादसे में देहांत हो गया था।
सास ने खुद बहू का कन्यादान किया। उसने कहा कि शादी के पहले सुनीता ने मायके वालों की जिंदगी रोशन की, शादी के बाद मेरे बेटे और हमारे परिवार को सुखी रखा और अब वह दूसरी शादी के बाद मुकेश के घरवालों की किस्मत चमकाएगी।

सुनीता बीते साल ही लेक्चरर बनी हैं। वह वर्तमान में चुरू जिले के सरदार शहर इलाके के नैणासर सुमेरिया में टीचर है। वह ससुराल के साथ माता-पिता का भी ख्याल रखती हैं। यहां तक कि अपने छोटे भाई को भी उन्हीं ने पढ़ाया है।