एमपी में सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व (Sanjay Tiger Reserve In Sidhi) के बफर जोन में रविवार शाम तेंदुआ एक आठ साल के बच्चे के लेकर भाग गया, लेकिन मां की हिम्मत के आगे वह पस्त हो गया। बच्चे के मां ने तेंदुए के पीछे दौ़ड़ लगा दी और जंगल में उससे भिड़ गई। वह अपने बेटे को तेंदुए के चंगुल से छुड़ा लाई। तेंदुए के वार से घायल हुए बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है, लेकिन उसकी जान को कोई खतरा नहीं है।
पूरा मामला रविवार की शाम करीब 7 बजे का है। ठंड से बचाव के लिए किरण बैगा अपने बच्चों के साथ घर के पास अलाव जलाकर बैठी हुई थी। एक बच्चा उसके गोद में था। बाकी दो अगल-बगल बैठे थे। उसी समय पीछे से अचानक जंगली तेंदुआ आया और उसके आठ वर्षीय बेटे को मुंह में दबाकर वहां से भागने लगा।
मां ने देखा तो चीखती-चिल्लाती उसके पीछे दौड़ पड़ी। जंगल में फैले अंधेरे के बीच वह बदहवास तेंदुए के पीछे दौड़ती रही। करीब एक किलोमीटर तक चलने के बाद तेंदुआ एक जगह रुका और बच्चे को पंजों से दबोचकर बैठ गया। मां ने हिम्मत करके उसके पंजे से बच्चे को छुड़ा लिया और शोर मचाने लगी।तेंदुआ भी इतनी आसानी से हार मानने वाला नहीं था। उसने बच्चे को छीनने के लिए दोबारा झपट्टा मारा, लेकिन मां ने उसे कसकर अपनी बांहों में लिपटा रखा था। तेंदुए ने झपट्टा मारा तो मां ने उसके उसके पंजे को पकड़कर जोर से धक्का दे दिया। इतने में गांव के लोग भी वहां पहुंच गए और तेंदुआ वहां से जंगल की ओर भाग गया।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक मां बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ गई. इस मां के 6 साल के बेटे को तेंदुआ उठा ले गया था. मां ने तेंदुए का एक किलोमीटर दूर तक पीछा किया और उससे बच्चे को छीन लिया. इस घटना में मां और बेट दोनों घायल हो गए. pic.twitter.com/8CR1cnKJM4
— Nikhil Suryavanshi (@NikhilEditor) November 30, 2021
चीता नहीं, तेंदुआ था
महिला और ग्रामीण चीता का दावा कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी संजय गांधी रिजर्व वसीम भूरिया का कहना है कि हमला करने वाला छोटा तेंदुआ था, चीता नहीं। बच्चे की पीठ, गाल और आंख में जख्म है। किरण को एक हजार रुपए की तात्कालिक सहायता दी गई है।