हमारे देश में मर्दों और स्त्रियों के अलावा एक तीसरा समाज भी है जिसे किन्नर समाज कहा जाता है. किन्नर समाज का अर्थ है, वह समाज जिसमें एक ही व्यक्ति में स्त्री और पुरुष दोनों के गुणों का समावेश है. भारतीय शास्त्रों के अनुसार बात करें तो किन्नरों का अपना अलग महत्व है और ऐसा बताया जाता है इनकी दुआएं या बददुआये मानव के जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं. इसलिए लोग किन्नरों की दुआएं लेते हैं और गलती से भी उन्हें कोई ऐसी बात कहकर ठेस नहीं पहुंचाते जिससे उनकी बद्दुआ लगे.
देश में ऐसी मान्यता है कि जब कभी कोई खुशी का मौक़ा या अवसर आता है तो उस मौके पर किन्नर अपनी पूरी टीम के साथ नाचते-गाते पहुंच जाते हैं और खूब सारी दुआएं देते हैं. बदले में वह कुछ दान की भी उम्मीद रखते हैं. किसी भी मांगलिक अवसर पर किन्नरों को दान देने से खुशियां बढ़ जाती हैं.

भारत में एक पौराणिक परंपरा भी है, इसमें किन्नरों को दान देकर उनसे दुआएं ली जाती है. ऐसा कहा जाता है कि किन्नरों के सामने दिल खोलकर दान करना चाहिए. लेकिन गलती से भी किन्नरों को इन चार चीजों का दान नहीं करना चाहिए वरना इसके दुष्प्रभाव बेहद भयानक हो सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि वह कौन सी चार चीजें हैं, जिसको किसी किन्नर को दान करने से आपको बचना चाहिए.
झाड़ू
हिंदू धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार झाड़ू धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में कहा जाता है कि झाड़ू माता लक्ष्मी को काफी प्रिय है. और जब कभी आपके दरवाजे पर कोई किन्नर आपसे कुछ मांगने आए तो माता लक्ष्मी के प्रिय वस्तु को कैसे कोई किसी किन्नर के हाथ में ले जाने के लिए दे सकता है. इससे महालक्ष्मी बेहद नाराज हो जाती है और घर छोड़कर चली जाती है. इसलिए गलती से भी अपने घर के झाड़ू को किन्नरों को नहीं देना चाहिए.
पुराने कपड़े
पुराने कपडे या पहनकर उतारे हुए कपड़ों का भी दान किन्नरों को नहीं करना चाहिए. भले ही वह कपड़े आप किसी गरीब के बच्चे को दे दे, लेकिन पहने हुए कपड़ों को किन्नरों को कभी नहीं देना चाहिए. इसके बेहद नकारात्मक प्रभाव जिंदगी पर पड़ते हैं.
प्लास्टिक की चीज
दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं है जो प्लास्टिक के बोतल या रैपर में ना आती हो, लेकिन जब किन्नरों को दान देने की बारी आये तो इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उसे प्लास्टिक के बर्तनों में ना दें. प्लास्टिक की बेकार पड़ी चीजों को भी किन्नरों को दान में नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से परिवार की तरक्की रुक जाती है.
तेल
भारतीय समाज में जब भी कोई खुशी का अवसर होता है, किन्नर अनाज या खाने का सामान लेने जरूर पहुंच जाते हैं. ऐसे में हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि वह अनाज, चावल, आटा लेकर जाए, परंतु अपने घर से तेल निकालकर किन्नरों को बिल्कुल भी दान नहीं करना चाहिए. इससे घर में संकट उत्पन्न होने की संभावना प्रबल हो जाती है.