बॉलीवुड में आपने कई ऐसी फिल्में देखी होंगी, जिसको देखकर लगता है कि प्यार कभी भी अपने चाहने वाले के भीतर मौजूद कमियों को प्राथमिकता नहीं देता. सच्चा प्यार अपने प्रेमी को उसी रूप में अपनाता है, जिस रूप में वह असल जिंदगी में होता है. “विवाह” फिल्म आप सबने देखी होगी. आग से शरीर के झुलस जाने के बाद भी प्रेम पूनम से विवाह करता है. हर लड़की का सपना होता है कि उसे भी कोई ऐसा हमसफ़र मिले जो उसकी शारीरिक सुंदरता और क्षमता से आगे बढ़कर उसके हृदय और मन की सुंदरता से प्रेम करें.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हाल ही में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जिसके बाद सभी इस जोड़े की तारीफ कर रहे हैं, ख़ास कर उस युवक की, जिसने मुसीबत के वक्त में भी अपनी होने वाली पत्नी का साथ नहीं छोड़ा और उसकी मांग सजाई. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अस्पताल में बेड पर पड़ी इस लड़की को दुल्हन के रूप में सजाया गया. उसके हाथों में मेहंदी रचाई गई और उसे शादी के बंधन में बांधा गया. अस्पताल में बेड पर पड़ी-पड़ी दुल्हन बनने वाली इस लड़की का नाम आरती है, जिसके पति अवधेश ने उसे जिंदगी का सबसे खूबसूरत तोहफा दिया है. साथ ही एक नई जिंदगी भी दे दी है.

दरअसल मिली जानकारी के अनुसार आरती प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की रहने वाली है. शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी और बारात दरवाजे पर आने ही वाली थी. इसी दौरान आरती छत से नीचे गिर गई. हालांकि वह छत से अपनी वजह से नीचे नहीं गिरी, बल्कि अपने 3 साल के भतीजे की जान बचाने के चक्कर में वह छत से सीधा नीचे जमीन पर आ गिरी, जिसकी वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसके पैरों की ताकत चली गई. इसके बाद उसका चलना-फिरना बंद हो गया.


आनन-फानन में इलाज के लिए आरती को प्रयागराज के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कुछ समय बाद शादी के मंडप में बैठने वाली लड़की अब अस्पताल के कमरे में लेट कर अपनी किस्मत को निहार रही थी. इस बात की जानकारी जब होने वाले पति अवधेश को मिली तो उसने इस बात की जानकारी ली. सबको लग रहा था कि अब शादी नही होगी.


आरती की हालत देखकर उसी के घर वालों ने दूल्हे को उसकी छोटी बहन से शादी करने की बात भी कही थी. लेकिन अवधेश ने कहा कि वह शादी करेगा तो सिर्फ आरती से ही करेगा. अवधेश की हिम्मत देखकर लड़की वालों का सीना गदगद हो गया और सभी उसकी हिम्मत के कायल हो गए.

अस्पताल प्रबंधन से बात करने के बाद एंबुलेंस के द्वारा लड़की को एक दिन के लिए घर पर लाया गया, जहां पर वह रश्मों-रिवाज के साथ अवधेश और आरती की शादी करवाई गई. उसके बाद फिर से आरती को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. शादी के बाद अब अवधेश और आरती दोनों बहुत खुश हैं. इस घटना का जिक्र करते हुए आरती की आंखे अक्सर नम हो जाती है और वह अपने पति को वह दिल से बार-बार धन्यवाद देती है.