काशी के घाटों पर ‘बंजारन’ बनकर घूम रहीं थी रवीना टंडन, अंदाज़ ऐसा की फैंस भी खा गए धोखा

वैसे तो धर्म ध्यान करने के लिए कोई उम्र निश्चित नहीं होती है लेकिन फिर भी ऐसा कहा जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ अध्यात्म करना चाहिए। हालांकि रवीना टंडन आज भी अपनी खूबसूरती से अपनी उम्र का पता नहीं लगने देती है। लेकिन फिर भी पिछले कुछ समय से वह धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए पहुंच रही है। अभी हाल ही में उन्होंने बनारस के घाट पर समय बिताया और गंगा में आरती भी की है।

रवीना टंडन की यह कोई धार्मिक यात्रा तो नहीं थी बल्कि वह अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पहुंची थी। गंगा के घाट पर अभिनेत्री ने अपने पिता को दीपदान भी किया और कुछ तस्वीरें भी ली जो सोशल मीडिया पर काफी पसंद की जा रही है। इसी समय उन्होंने संकट मोचन हनुमान मंदिर में भी पूजा अर्चना की है।


शांति का किया एहसास

रवीना टंडन सुबह 5:00 बजे नाव से अस्सी घाट पहुंची थी और फिर उन्होंने आरती की जिसमें वह खो गई थी। इस जगह ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने लिखा है कि इन सबसे अधिक दिव्य और सुंदर जीवन में कुछ नहीं है। अपनी इस यात्रा में उन्होंने घाट, मंदिर, गंगा नदी, किले और आसपास के कई जगहों के फोटो लिए और लिखा की मैं बंजारन हूं।



रवीना टंडन किसी को भी बिना बताए अचानक वाराणसी पहुंची और यहां की शांति को शब्दों में बयां करते हुए लिखा कि आखिरकार काशी में ही मुझे शांति का अहसास मिला है। रवीना टंडन आगे लिखती है कि इस शांति को वह हमेशा अपने दिल में रखना चाहती हैं। पिता को याद करते हुए रवीना टंडन ने लिखा कि आपको याद करने के लिए इससे अच्छी जगह नहीं हो सकती।