41 दिन ब्रह्मचर्या, एक समय भोजन, नंगे पैर चलना, जमीन पर सोना, ऐसे हैं सबरीमला मंदिर के कड़े नियम

बीते दिनों अजय देवगन (Ajay Devgn) केरल स्थित सबरीमला (Sabarimala) मंदिर गए थे। यहां पालकी में सवार होकर दर्शन को जाने को लेकर वे बहुत ट्रोल हुए थे। हालांकि बाद में बताया कहा कि उन्होंने हेल्थ ईसू की वजह से ऐसा किया था। दरअसल सबरीमाला मंदिर में दर्शन से पहले कुछ कड़े नियमों से गोकर गुजरना पड़ता है जो हर किसी के बस की बात नहीं है।

सबरीमाला मंदिर में दर्शन की प्रोसेस



1. मंदिर श्रद्धालुओं के लिए साल में सिर्फ नवंबर से जनवरी तक खुला रहता है।

2. मंदिर जाने से पूर्व भक्तों को पंपा त्रिवेणी में स्नान कर दीप प्रज्वलित कर उसे नदी में बहाना होता है।

3. पंपा त्रिवेणी पर पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा होती है और फिर भक्त चढ़ना स्टार करते हैं। यहां पहला पड़ाव शबरी पीठम है। ये वह जगह है जहां रामायण काल में शबरी नाम की भीलनी ने तपस्या की थी। मान्यता है कि श्री अय्यप्पा ने अवतार लेकर शबरी को मुक्ति दी थी।

4. फिर भक्त शरणमकुट्टी नामक स्थान पर पहुँचते हैं और शर (बाण) गाड़ते हैं।

5. अब यहां से मंदिर के लिए दी रास्ते होते हैं। पहला मार्ग सामान्य जबकि दूसरा 8 पवित्र सीढ़ियों से होकर जाता है। इन पवित्र सीढ़ियों पर चढ़ने का अवसर सिर्फ उन्हें ही मिलता है जो मंदिर आने से पूर्व 41 दिनों तक कठिन व्रत करते हैं।

6. इन पवित्र सीढ़ियों के नजदीक भक्त घी से भरा नारियल फोड़ते हैं। पास में एक हवन कुण्ड जिसमें नरीयल का एक टुकड़ा घृताभिषेक के लिए चढ़ाया जाता है वहीं दूसरा टुकड़ा भक्त प्रसाद के रूप में साथ ले जाते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए घी को एक विशेष बर्तन में एकत्रित कर भगवान का अभिषेक होता है।

मंदिर में दर्शन करने के हैं ये कड़े नियम


  • 1. भक्त यहां आने से पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
  • 2. वे सिर्फ नीले या काले रंग के कपड़े ही पहन सकते हैं।
  • 3. गले में तुलसी की माला धारण कर दिन में एक ही बार भोजन किया जाता है।
  • 4. शाम को पूजा के बाद जमीन पर सोना होता है।
  • 5. व्रत की पूणार्हूति पर एक गुरु स्वामी के निर्देशन में पूजा होती है।

  • 6. यात्रा के समय सिर पर इरुमुडी (दो थैलियां और एक थैला) रखना पड़ता है। इसमें एक थैले में नारियल व पूजा सामग्री तो दूसरे में भोजन सामग्री होती है। इसे लेकर शबरी पीठ की परिक्रमा करने के बाद 18 पवित्र सीढ़ियों से मंदिर में प्रवेश मिलता है।