पिता को एक हस्ताक्षर के लिए कलेक्टर ऑफिस का चक्कर लगाते देख बेटी ने लिया संकल्प और खुद बन गई IAS ऑफिसर

दोस्तों अगर आप भारत के नागरिक है तो आप यह बात से तो अनजान नहीं होंगे की अगर आपके कोई कागज में कुछ त्रुटी है तो उसको सही कराने में आपको कितना बार ऑफिस का चक्कर लगाना होता है यह आज से कुछ दिनों पहले बहुत हुआ करता था लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा का उत्थान हुआ अब इसमें कमी आ रही है.


किसान पिता की बेटी बनी अधिकारी

दोस्तों आज के इस खबर में हम चर्चा करने वाले है एक ऐसे बेटी के बारे में जिन्होंने अपने पिता के सपने के खातिर रात-दिन मेहनत की और तब जाकर वो कलेक्टर बनी दरअसल उनके बारे में बताया जाता है की एक समय में जब उनके पिता को एक सिगनेचर के लिए ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है.




तब यह अपने मन में ठान लेती है की हमें बड़ा होकर कलेक्टर बनंना है और उसके लिए ये मेहनत करना शुरू कर देती है. दोस्तों हम जिसके बारे में बात कर रहे है उनका नाम रोहिणी है और रोहिणी और रोहोनी बिना किसी निजी कोचिंग की मदद लिए ही सफलता हाशिल की.