शाहिद कपूर की गिनती आज बॉलीवुड के टॉप अभिनेताओं में होती है। लेकिन यहाँ तक पहुँचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। शहीद को बचपन से डांस का बड़ा शौक था। वे शादी और स्कूल के फंक्शन में शौक से नाचा करते थे। ऐसे में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर बैकग्राउंड डांसर की थी। उन्होंने ऐश्वर्या, करिश्मा, शाहरुख जैसे कई बडे़ सितारों के पीछे डांस किया।
शहीद पेप्सी, किटकैट और क्लोजअप जैसे ब्रांड के एड में भी दिखाई दिए। बॉलीवुड में एंट्री से पहले उन्हें कई फिल्मों से रिजेक्ट किया गया। फिर उन्हें 2003 में ‘इश्क विश्क’ से ब्रेक मिला। इसमें वे दर्शकों को पसंद आए। लेकिन उनकी बाद की फिल्में ‘फिदा’, ‘दिल मांगे मोर’, ‘दिवाने हुए पागल’, ‘वाह ! लाइफ हो तो ऐसे’ सुपर फ्लॉप रही।


शहीद के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट 2006 में सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘विवाह’ रहा। वहीं 2007 में इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब वी मेट’ ने उन्हें इंडस्ट्री का सब्स चहेता सितारा बना दिया। फिर वे ‘कबीर सिंह’, ‘पद्मावती’, हैदर’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में दिखें।

आपको जान हैरानी होगी कि शाहिद ‘रॉकस्टार’, ‘रांझणा’, ‘रंग दे बसंती’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘बैंग-बैंग’ जैसी फिल्मों को रिजेक्ट कर चुके हैं। हालांकि इसका पछतावा उन्हें आज तक रहता है। अपने संघर्ष के दिनों में शहीद के पास खाने के पैसे और ऑडिशन देने जाने के लिए किराया तक नहीं रहता था। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर वे आज सफल कलाकार हैं।
