श्री सत्यनारायण कथा में भूलकर भी न करें ये 3 गलतियां, भगवान होने हैं नाराज, आती है तबाही

घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए लोग सत्यनारायण की कथा (satyanarayan katha) करवाते हैं। मान्यता है कि यह कथा करवाने से घर के सभी दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुखों की बहार आती है। हालांकि सत्यनारायण कथा के भी कुछ नियम होते हैं। इसे कराते समय यदि कोई भूल चूक हो जाए तो लाभ की बजाय हानी होती है। इसलिए आपको सत्यनारायण की कथा कराते समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

घर साफ-सुथरा होना चाहिए



सत्यनारायण कथा के जरिए आप देवी-देवताओं को अपने घर आने का निमंत्रण देते हैं। ऐसे में आपके घर का साफ सुथरा होना अति-आवश्यक है। गंदा घर नेगेटिव एनर्जी का कारण बनता है। इस नकारात्मक माहौल में देवी-देवता नहीं आते हैं।

कथा में आए अतिथियों का दिल से स्वागत करें



सत्यनारायण कथा में रिश्तेदार और पड़ोसी को जरूर बुलाना चाहिए। जब वह घर आए तो उनका दिल से स्वागत होना चाहिए। उन्हें समय-समय पर चाय, पानी और नाश्ते का पूछते रहना चाहिए। हिंदू धर्म में कहवात है ‘अतिथि देवो भव’ अर्थात मेहमान भगवान होता है। इसलिए उनका अच्छे से स्वागत करें।

साफ मन से करें पूजा



घर में सत्यनारायण की कथा के समय आपका मन एकदम साफ होना चाहिए। इस दौरान आपके मन में कोई नेगेटिव या गंदे ख्याल नहीं आना चाहिए। किसी के प्रति कोई हीन भावना भी नहीं होना चाहिए। भगवान आप से तभी प्रसन्न होंगे जब आप स्वच्छ और सच्चे मन से उनकी उपासना करेंगे।