500 KG के हथियार-कवच उठा युद्ध लड़ने जाते थे महाराणा प्रताप? जाने इस दावे का असली सच

मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को लोग उनकी वीरता, पराक्रम, त्याग और बलिदान के लिए जानते हैं। हाल ही में उनकी पुण्यतिथि थी जिस अवसर पर लोग उन्हें याद करने के अलावा उनके हथियारों को लेकर गलत भ्रांतियां भी फैला रहे थे।

महाराणा प्रताप के हथियार से जुड़ी गलत भ्रांतियां



महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था। उनकी छाती में लगा कवच 72 किलो का था। वे भाला, कवच, ढाल और दो तलवारों सहित 208 किलो का वजन लेकर युद्ध लड़ने जाते थे। कुछ ने तो इसे वजन को 500 किलो तक बताया। लोगों ने कहा कि 7 फीट 5 इंच लंबे और 110 किलो वजनी महाराणा प्रताप युद्ध मैदान में अपने से दुगुना वजन उठाकर लड़ने जाते थे।

ये है सच्चाई



उदयपुर में बने सिटी पैलेस म्यूजियम में महाराणा प्रताप के हथियारों से जुड़ी सटीक जानकारी देखने को मिलती है। यहां लगे एक बोर्ड के अनुसार महाराणा प्रताप के निजी अस्त्र शस्त्र का कुल वजन 35 किलोग्राम था। मतलब महाराणा प्रताप युद्ध मैदान में 35 KG का वजन उठाकर जाते थे।

हल्दी घाटी युद्ध की कहानियां



कहानियों के अनुसार हल्दी घाटी के युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप अपने चेतक घोड़े पर सवार होकर हाथ में भाला लेकर हाथी के सिर तक उछल गए थे और अपने प्रतिद्वंदी को मार गिराया था। बताते चलें कि हल्दीघाटी की लड़ाई 18 जून 1576 को हुई थी।

इस युद्ध में एक तरफ मेवाड़ के राणा महाराणा प्रताप की सेना और आमेर (जयपुर) के महाराजा आमेर के मानसिंह प्रथम की सेना थी। इन दो राजाओं की सेना ने मिलकर मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं से युद्ध लड़ा था। युद्ध में मेवाड़ की सेना, अकबर की सेना के मुकाबले बहुत छोटी थी जिसके चलते मेवाड़ की सेना को युद्ध में बहुत नुकसान हुआ था।