चमत्कारों से भरा है तिरुपति बालाजी मंदिर, इन रहस्यों को जान पैरों तले जमीन खिसक जाएगी

दक्षिण भारत का तिरुपति बालाजी मंदिर एक चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर के रूप में पूरी दुनिया में फेमस है। तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में हर साल लाखों लोग भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने आते हैं। ऐसे में आज हम आपको मंदिर से जुड़े कुछ खास रहस्य बातने जा रहे हैं।

तिरुपति बालाजी के सिर के बाल रेशमी व चमकदार हैं। स्नान के बाद भी उनके बाल कभी उलझते नहीं है। मंदिर के मुख्यद्वार के राइट में बालाजी के सिर पर एक निशान है। कथाओं के मुताबिक ये निशान अनंताळवारजी के मारने से बना था। तिरुपति बालाजी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसकी वजह एक मान्यता है जिसके अनुसार उनके इस रूप में मां लक्ष्मी भी समाहित हैं।



मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करने पर प्रतीत होता है कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की प्रतिमा गर्भ गृह के मध्य में स्थित है। लेकिन जैसे ही गर्भगृह से बाहर आते हैं तो ऐसा लगता है मानो भगवान की प्रतिमा दाहिनी ओर स्थित है। कहते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों आवाज आती है।



बालाजी के मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव है जहां बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी है। भगवान को चढ़ने वाले फूल और दूध-दही, घी-मक्खन, प्रसाद आदि इसी गाँव से आते हैं। कहीं और की चीजें भगवान को नहीं चढ़ाई जाती है। भगवान को चढ़ाई जाने वाली चीजें कभी बाहर नहीं लाई जाती है। गृभगृह में चढ़ाई गई वस्तु बालाजी के पीछे जलकुंड से बाहर निकलती है।



गुरूवार को तिरूपति बालाजी की पूरी प्रतिमा को सफेद चंदन का लेप लगाया जाता है। लेप को हटाते ही प्रतिमा पर माता लक्ष्मी का रूप प्रत्यक्ष दिखता है। बालाजी की पीठ को कितनी बार भी पोंछा जाए वह गीली ही रहती है, कभी सूखती नहीं है। गर्भगृह में जल रही चिराग पिछले हजारों सालों से जल रही है। ये कभी बुझती नहीं है।