रहस्यों से भरा है तिरुपति बालाजी का मंदिर, ऐसे रहस्य जिनको जानकार आप भी हो जायेंगे हैरान..

भगवान तिरुपति बालाजी का चमत्कारिक और रहस्यमई मंदिर भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और यह मंदिर भारतीय वास्तु कला और शिल्प कला का बेहतरीन उदाहरण है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। ऐसा माना जाता है जो सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, उनकी इच्छा पूर्ण होती है। और इच्छा पूर्ति के पश्चात, मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। आईए इस अलौकिक और चमत्कारी मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में जानते हैं।



1-भगवान के इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है । जो भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर बाल लगे हुए हैं।आश्चर्य की बात तो यह है कि,वह कभी उलझते नहीं और हमेशा मुलायम रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान खुद विराजमान है।

2-अगर आप भगवान बालाजी के गर्भ गृह में जाकर देखेंगे तो, आपको दिखेगा की मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में स्थित है। परंतु, जब आप घर गृह के बाहर आएंगे तो लगेगा मूर्ति दाहिनी तरफ स्थित है। आखिर यह लोगों का कोई भ्रम है या फिर कोई चमत्कार? यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है।

3-ऐसा माना जाता है कि, भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी समाहित हैं। जिसकी वजह से श्री वेंकटेश्वर स्वामी कोई स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परंपरा है। भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन कटि से धोती और कटि के ऊपर साड़ी में सजाया जाता है।



4-आपको बता दें, भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा एक विशेष पत्थर की बनी हुई है। मगर यह पूरी तरह से जीवंत लगती है। ऐसा प्रतीत होता है भगवान विष्णु स्वयं विराजमान हैं। इस मंदिर के वातावरण को काफी ठंडा रखने के बावजूद भी बालाजी को गर्मी लगती है। और भगवान की प्रतिमा को पसीना आता है पसीने की बूंदे भी देखी जाती हैं।

5-भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर से 23 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक गांव है। जहां बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है। इस गांव के लोग अनुशासित है, और नियमों का पालन कर जीवन जीते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में चढ़ाया जाने वाला पदार्थ जैसे फल- फूल, दही,घी ,मक्खन आदि इसी गांव में आता है।

6-भगवान वेंकटेश्वर के हृदय में माता लक्ष्मी जी की छवि नजर आती है। माता की मौजूदगी का पता तब चलता है, जब हर गुरुवार को बालाजी का पूरा सिंगार उतारकर, उन्हें स्नान करवाकर चंदन का लेप लगाया जाता है। और जब लेप को हटाया जाता है तो, फिर ह्रदय पर लगे चंदन में देवी लक्ष्मी जी की छवि उभर कर आती है।


7-भगवान श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दिया हमेशा जलता रहता है। जिसमें कभी तेल या घी नहीं डाला जाता है। यह दिया वर्षों से जल रहा है। आखिर इस दीपक को कब और किसने जलाया किसी को कुछ पता नहीं।

8-भगवान के इस मंदिर के मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाएं तरफ एक छड़ी है। और इस छड़ी के बारे में ऐसा बताया जाता है कि, बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी। इस वजह से उनकी टुड्डी पर चोट लग गई थी। इसी कारण तब से लेकर आज तक उनकी टुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है ताकि उनका घाव भर जाए।

9-भगवान के इस मंदिर में जो लोग जाते हैं। उनका कहना है कि भगवान वेंकटेश्वर के मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती है। ऐसा भी बताया जाता है कि, मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती हैं।



10-भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा पर खास तरह का पचाई कूपर लगाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि, इसे किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो, वह कुछ समय के बाद चटक जाता है। परंतु भगवान की प्रतिमा पर इसका कोई भी ऐसा नहीं होता है।