किसी ने सोचा भी नहीं था कि अपने बच्चे को पल भर के लिए आंगन में छोड़कर गई मां, दोबारा उस बच्चे का चेहरा तक नहीं देख पाएगी. वह तो अपने बच्चे के लिए चिप्स बनाने गई थी. उसके बच्चे को चिप्स बहुत पसंद था और उसे खाने का मन था. लेकिन उस मां को क्या मालूम था कि चंद लम्हों की दूरी अब वह कभी पार नहीं की कर सकेगी.
यह दर्दनाक हादसा हुआ है जम्मू कश्मीर में. जम्मू कश्मीर के राजौरी शहर के खांडली पुर क्षेत्र में बृहस्पतिवार की रात आतंकियों ने हमला किया. यह हमला भाजपा के शहरी मंडल अध्यक्ष जसवीर सिंह के घर पर हुआ था. आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड से घर में घुसकर हमला किया. जिसमें जसवीर सिंह के 3 वर्षीय भतीजे वीर सिंह की मौत हो गई. जबकि परिवार के अन्य लोग भी बुरी तरह से घायल हो गए.
जब यह घटना हुई, तब 3 वर्षीय वीर अपनी मां के साथ आंगन में खेल रहा था. अचानक उसे भूख लगी तो उसने चिप्स खाने की बात कही. उसकी मां अपने बच्चे को चिप्स लाने की बात कहकर किचन में चली गई और चिप्स बनाने लगी. अपने बच्चे के लिए प्यार से चिप्स बनाती मां इस बात से बिल्कुल अनजान थी कि अगले कुछ ही मिनटों में क्या होने वाला है. अचानक जोरदार धमाका हुआ कायर आतंकवादियों ने छत से चढ़कर उनके आंगन में एक हैंड ग्रेनेड फेंका, जो वीर के चारपाई के ठीक बगल में आकर गिरा और ब्लास्ट हो गया. इस धमाके से 3 वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गयी.
इस दिल दहलाने वाली घटना को अपनी आंखों से देख कर उसकी मां वहीं बेहोश हो गई. होश में आने के बाद उस मां के मुंह से बस इतना ही निकल रहा था, “वीर को चिप्स बहुत पसंद है, मैं तो उसके लिए चिप्स लेकर आई हूं. मेरा बेटा खाएगा.”
जी हां, यह रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य जम्मू कश्मीर के आतंकियों की कायराना हरकत का प्रमाण है, जो आए दिन किसी न किसी व्यक्ति की जान लेने को उतारू होते हैं. कश्मीर में अशांति बनाकर रखना इनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शुमार है. वह कभी नहीं चाहते कि कश्मीर की जनता रुढ़िवादी और संकुचित विचारधाराओं से निकलकर एक मुक्त और विकसित विचारधारा में सांस ले.
इस घटना के बाद परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रो कर बुरा हाल है. आतंकियों के हमले से एक झटके में उनका पूरा परिवार बिखर गया है. लोग पूछ रहे हैं कि उस 3 साल के बच्चे वीर का क्या दोष था. उसकी क्या गलती थी. आतंकियों ने क्यों उसे हैंड ग्रेनेड से उड़ा दिया? इस घटना में वीर के परिवार के अन्य 6 लोग भी घायल हुए हैं.
घायलों में वीर के दो भाई करण और अर्जुन भी शामिल हैं. करण की उम्र 12 वर्ष है और अर्जुन की उम्र 10 वर्ष बताई गई है. तीनों भाइयों में इतना प्यार था कि वीर की मौत के बाद इस हादसे से अनजान उसके दो भाई आज भी वीर को तलाश रहे हैं. उसके कमरे में जाते हैं, उसके खिलौनों को उठाते हैं, बालकनी में देखते हैं और वीर को ढूंढते हैं. उन्हें आज भी इंतजार है कि वह शायद वीर बाहर गया है और किसी दिन किसी समय वह घर में खेलता कूदता दौड़ता हुआ जाएगा. हालांकि धमाके से दोनों भाई भी काफी सहमे हुए हैं.
कश्मीर के हालात पर चर्चा करें तो रजौली जिले में हालात बेहद खराब है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. बीजेपी नेता के घर पर इस तरह से आतंकियों का ग्रेनेड से हमला किया जाना, सुरक्षा इंतजामों पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. शहर को सील कर दिया गया है. दोपहर तक सड़कों पर आवागमन को भी ठप कर दिया गया. इस घटना के बाद लोगों ने मांग की है कि आतंकियों से कड़ी से कड़ी सुरक्षा प्रदान करवाई जाए ताकि वह लोग उस दूषित विचारधारा को बिना किसी डर के छोड़ सके.