क्या हो गया था विकी कौशल को, क्यों हफ़्तों तक रहते थे जलती हुई लाशों के बीच

एक अभिनेता के लिए किसी फिल्म का किरदार बस एक किरदार नहीं होता, बल्कि वह लाखों लोगों की भावनाएं होती हैं. जो इस किरदार से कुछ बेहतर सीखना चाहती हैं. एक परिपक्व अभिनेता उस किरदार को जीता है, ना कि बस अभिनय करता है. बॉलीवुड में अपने विकी कौशल का नाम तो आप सबने सुना ही होगा. एक के बाद एक हिट फिल्में देने के बाद अब विक्की कौशल को किसी पहचान की जरूरत नहीं है.



आपको बता दें कि मसान फिल्म की शूटिंग के दौरान विकी को श्मशान घाट का सीन करना था. इसके लिए विकी ने कई दिन श्मशान घाट पर ही बिताये है, ताकि वह उस दृश्य को भावनात्मक रूप से जिन्दा कर सके. उसमे जान फूंक सकें. साल 2018 में आई फिल्म “उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक” समिति को काफी प्रसिद्धि मिली थी. यह फिल्म सुपरहिट थी और विक्की के एक्टिंग की सराहना सब ने की थी.





इसके पहले भी एक फिल्म आई थी “मसान”. यह फिल्म साल 2015 में रिलीज की गई थी. इसमें विकी कौशल भी एक लीड एक्टर के रोल में थे. इस फिल्म के जरिए भी विकी के काम की बहुत तारीफ हुई थी. इसी फिल्म में एक दृश्य में शमशान घाट पर लाशों को जलाते हुए विकी को दिखाया गया था. विकी का घर उन्ही शमशान घाट के पास होता है और उनका पारिवारिक पेशा ही गंगा घाट पर आने वाली लाशों को जलाना होता है. यह दृश्य बनारस के प्रसिद्द मणिकर्णिका घाट पर फिल्माया गया था.



इस दृश्य में विकी कौशल श्मशान घाट पर लाशों को जला रहे होते हैं. शुरू में जब विकी ने उस रोल को निभाने की कोशिश की, तब उन्हें खुद को आत्म संतुष्टि नहीं हुई थी. तब विकी ने श्मशान घाट पर होने वाली हर एक गतिविधियों को बड़े ध्यान से देखा, उसे समझा, उसके मतलब जाने और फिर उसे अपने अंदर आत्मसात किया.



विकी घंटों तक जलती  लाशों को बैठकर देखते रहते थे. इस दौरान उन्होंने उन तमाम प्रक्रियाओं और रिवाजों को बड़े बारीकी से देखा और समझा है, और उसकी देख-रेख भी की है. शायद यही कारण है कि मसान फिल्म में जब उन्होंने गंगा नदी के तट पर लाशों को जलाने के दृश्य को निभाया, तो वह लोगों के दिलों में घर कर गया. आपको मालूम हो कि विकी ने उन लाशों को देखते हुए करीब एक हफ्ते बिताए थे. ताकि वह अपने अभिनय को आम लोगों से जोड़ सकें. बता दे कि मसान फिल्म ने 2015 के “कॉन्स फिल्म फेस्टिवल” में दो अवार्ड भी जीते थे.