अनुपम खेर फिल्मी दुनिया में एक बड़ा नाम हैं। वे अपने दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं। हालांकि आज वह जिस मुकाम पर हैं वहाँ तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब वे चॉल में रहते थे।
अनुपम ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अपने करियर की खातिर एक बार उन्होंने मंदिर तक में चोरी कर ली थी। ये काम उन्होंने हिमाचल प्रदेश में अपने कॉलेज के दिनों में किया था। तब पंजाब विश्वविद्यालय में ऑडिशन थे जिसके लिए उन्होंने अपनी मां के मंदिर में रखे 118 रुपये चुरा लिए थे।

अनुपम जब शाम को लौटे तो उनके घर पुलिस आई हुई थी। उनके पेरेंट्स ने पुलिस चोर की तलाशी के लिए बुलाई थी। तब मां ने उनसे पूछा भी था कि पैसे तुमने तो नहीं लिए? इस पर अनुपम ने साफ मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने कोई चोरी नहीं की।

हालांकि एक हफ्ते बाद पिताजी ने उन्हें अपने पास बुलाया और पूछा कि उस दिन तुम कहां गए थे। फिर अनुपम ने उन्हें सारी सच्चाई बता दी। चोरी की बात सुनकर मां ने उन्हें जोरदार थप्पड़ धर दिया। हालांकि उनके पिता बोले कि तुम टेंशन मत को। इसे 200 रुपये की स्कॉलरशिप मिलने वाली है। वह उसमें से तुम्हारे 100 रुपये लौटा देगा।

इसके बाद अनुपम ने शिमला में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की, हालांकि डीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में थिएटर के लिए उन्होंने कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया। फिर उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से बैचलर डिग्री ली। उन्हें महेश भट्ट की सारांश से बॉलीवुड में बड़ा ब्रेक मिला।

फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और तेजाब, राम-लखन, परिंदा, चालबाज़, सौदागर, डर, रिफ्यूजी, पहेली, ए वेडनसडे, जब तक है जान, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर जैसी कई हिट फिल्में दी। उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री का सम्मान भी भी मिल चुका है।