आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’बहुत सुर्खियां बटोर रही है। फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला पर है जो एक संपन्न परिवार में पैदा होने के बाद भी कठिन परिस्थितियों के चलते अपराधी, डॉन, एक वेश्या और बिजनेस वूमेन बनी।
एक बार तो गंगूबाई ने नेहरू को सरेआम प्रपोज कर बोल दिया था कि “क्या आप मुझे Mrs नेहरू बनाएंगे?” इस घटना का जिक्र गंगूबाई काठियावाड़ी के जीवन पर लिखी हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन ऑफ मुंबई’ में देखने को मिलता है।
गंगूबाई ने वुमन इम्पावरमेंट यानी महिला सशक्तीकरण समिट में वैश्यावृत्ति के पक्ष में शानदार स्पीच दीया था। अंडवर्ल्ड और गैंगस्टर्स से लेकर बड़े राजनेता तक उनसे प्रभावित थे। एक बार गंगूबाई ने अपने राजनीतिक परिचितों से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलने का समय मांगा था। मुलाकात के दौरान नेहरू गंगूबाई के विचारों से बहुत प्रभावित हुए थे।

नेहरु ने गंगूबाई से पूछा था कि “वह इस धंधे में क्यों हैं? जबकि उन्हें बढ़िया जॉब और अच्छा हसबैंड मिल सकता है।” इस पर गंगूबाई ने नेहरु से कहा था कि “यदि आप मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार करते हैं तो मैं तुरंत यह काम छोड़ दूंगी।”

गंगूबाई का यह जवाब सुन नेहरु हैरान रह गए थे, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दीया था। फिर गंगूबाई ने उनसे कहा “नाराज़ मत होइए प्रधानमंत्री जी। मैं सिर्फ़ अपनी बात साबित कर रही थी। सलाह देना बहुत आसान है, लेकिन उसे खुद अपनाना बेहद कठिन है।”

समृद्ध परिवार में जन्मी गुजरात के काठियावाड़ की रहने वाली गंगूबाई 16 साल की उम्र में पिता के अकाउंटेंट से प्यार कर बैठी थी। हीरोइन बनने का सपना लेकर वह उसके साथ भागकर मुंबई पहुँच गई थी। लेकिन उस शख्स ने धोखा देकर गंगूबाई को 500 रुपये में कोठे पर बेच दिया।

इस दौरान माफिया डॉन करीम लाला की गैंग के एक आदमी ने गंगूबाई का रेप किया। फिर गंगूबाई ने करीम लाला से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। करीम ने गंगूबाई से राखी बँधवा उसे बहन बना लिया। फिर गंगूबाई आगे चलकर मुंबई की सबसे बड़ी फीमेड डॉन बन गई। वह मुंबई के कमाठीपुरा रेड लाइट इलाके में कई कोठे चलाती थीं। हालांकि किसी लड़की को उसकी मर्जी के बिना नहीं रखा जाता था। उन्होंने सेक्स वर्कस और अनाथ बच्चों की हेल्प भी बहुत की।