ट्रेन का सफर बड़ा आरामदायक होता है। इसमें बैठ खूबसूरत नजारे दिखते हैं तो सफर का पता नहीं चलता है। लेकिन कई बार इस ट्रेन के सामने कोई जानवर या इंसान आकर कट भी जाता है। ऐसे में हमे ट्रेन की पटरी पर कटी-पिटी लाशें देखने को मिलती है। इस स्थिति में लोगों के मन में सवाल आता है कि जब पटरी पर कोई जानवर या इंसान अचानक आ जाता है तो ड्राइवर ट्रेन रोकता क्यों नहीं है? वह ब्रेक लगाने में इतना हिचकता क्यों है? चलिए जानते हैं।
ट्रेन अपने साथ कई डिब्बों और यात्रियों को लेकर चलती है। ऐसे में उसका वजन बहुत अधिक होता है। ट्रेन को रोकने के लिए उसके हर डिब्बे के हर पहीएं में ब्रेक लगाना पड़ता है। ये ब्रेक पाइप से प्रेशर देकर लगाए जाते हैं। अब यह पूरी प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है कि ड्राइवर यदि ट्रेन को रोकना भी चाहे तो ट्रेन करीब 1 किलोमीटर दूर जाकर रुकती है। हालांकि ये दूरी ट्रेन के वजन और रफ्तार पर भी निर्भर करती है।

इसलिए यदि ड्राइवर पटरी पर किसी को देख भी ले और इमरजेंसी ब्रेक लगाना भी चाहे तो भी वह ट्रेन काफी दूर जाकर रुकेगी। ट्रेन को सही समय पर रोकने के लिए ड्राइवर को पटरी पर मौजूद शख्स या जानवर को बहुत दूर से देखना होगा। ये कई केस में संभव नहीं होता है। फिर कई बार चीजें अचानक ट्रेन के सामने आ जाती है। यदि ट्रेन पटरी पर मुड़ रही हो तो भी तुरंत ब्रेक लगाने में दिक्कत आती है। वहीं अंधेरे में इंजन की रोशनी से थोड़ी दूर की पटरी ही ड्राइवर को दिखती है। इसलिए वह रात में हॉर्न बजाकर चलता है।
