ऐसी बुरी हालत है कि खाने के बदले इस गाँव के लोग बेच देते है अपनी किडनी, हर इंसान के पास है एक ही किडनी

अगर कोई आपसे कहे कि अपनी किडनी बेच दीजिए तो आपको कैसा लगेगा. जब आप जानते हैं कि किडनी आपके शरीर का कितना महत्वपूर्ण अंग है और उसके बिना जिंदगी कुशलता से जी पाना बेहद मुश्किल है, तो क्या आप अपने से महत्वपूर्ण अंग को अपने शरीर से अलग करने के लिए तैयार होंगे.

आपने अक्सर सोशल मीडिया पर यह मीम ट्रोल होते देखा होगा. इसमें लोग आईफोन खरीदने के लिए किडनी बेचने की बात कहते हैं. हालांकि वह तो मजाक की बात है, लेकिन हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के गांव में किसी भी व्यक्ति के पास किडनी नहीं है.



जी हां, इस दुनिया में कई ऐसे स्थान हैं जो ऐसी अजीबो-गरीब चीजों से भरा पड़ा है. ऐसे कई जगह है, जहाँ की हकीकत जानकार आप हैरान रह जायेंगे. आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं. उस गांव के ज्यादातर लोग अपनी एक किडनी बेच चुके हैं और वह अपनी एक ही किडनी के भरोसे जिंदा है. इंसान के शरीर में दो कितनी होती हैं. एक के खराब हो जाने पर दूसरे के सहारे लोग बाकी की जिन्दगी जीते हैं.



किस गांव का नाम किडनी बेली है. इस गांव को लोग किडनी बेली के नाम से ही जानते हैं. हालांकि इसका का वास्तविक नाम होकसे है, जो नेपाल में स्थित है. किडनी बेचने की वजह भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस गाँव में घोर गरीबी व्याप्त है और लोग इतने गरीब है कि उनके खाने के लिए अपनी किडनी बेचनी पड़ती है. इस गांव में गरीबी बहुत ज्यादा है और लोगों के खाने पर भी मुसीबत है.



किडनी वैली के नाम से मशहूर इस गांव में गरीबी इस कदर है कि लोग अपनी किडनी बेच कर अपना जीवनयापन करने को मजबूर है. अपना पेट पालने के लिए लोग अक्सर अपनी एक किडनी को दो-दो हजार में बेच देते हैं. यहां कई लोगों का कहना है कि सस्ती किडनी की उपलब्धता होने की वजह से यहाँ तस्करी बढ़ गयी है. स्थानीय लोगों के अनुसार किडनी की तस्करी इस जगह पर बहुत ज्यादा होती है.



लोग अक्सर यहां के मासूम आदिवासियों को झांसा देकर उनकी किडनी निकाल ले जाते हैं. स्थानीय नागरिकों ने बताया कि अक्सर बड़ी-बड़ी कंपनियां आती है और झांसा देती हैं. उन्हें बरगलाते हुए कहा जाता है कि किडनी निकालने के बाद उनकी दूसरी किडनी अपने आप आ जाएगी, जैसे कोई पौधा हो. लेकिन ऐसा होता नहीं है. गांव के मासूम लोग अच्छे पैसों को देखकर उनकी बातों में फंस जाते हैं और चंद रुपयों में ही अपने शरीर के सबसे बहुमूल्य अंग को तस्करों के हाथ में सौंप देते हैं.